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अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है,यहीं वो धाम है जहाँ भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।इसलिए इस पवित्र जगह का नाम अमरनाथ पड़ा | कथा है कि इसी गुफा में माता पार्वती को भगवान शिव ने अमरकथा सुनाई थी, जिसे सुनकर सद्योजात शुक-शिशु शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गये थे। इसगुफा में आज भी श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई दे जाता है, जिन्हें श्रद्धालु अमर पक्षी बताते हैं। वे भी इस अमरकथा सुनकर अमर हो गये हैं। जिन भी श्रद्धालुओं को कबूतरों को जोड़ा दिखाई देता है, उन्हें शिव पार्वती अपने प्रत्यक्ष दर्शनों से निहाल करके उस प्राणी को मुक्ति प्रदान करते ऐसा माना जाता है और यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने पार्वती जी को इस गुफा में एक ऐसी कथा सुनाई थी, जिसमें अमरनाथ की यात्रा और उसके मार्ग में आने वाले अनेक स्थलों का वर्णन है| इसलिए इस कथा को अमरकथा के नाम से भी जाना जाता है| अमरनाथ गुफा का सबसे पहले पता एक मुसलमान गडरिए मालूम हुआ जब वो अपने भेड़-बकरियो को चारा रहा था इसलिए आज भी चौथाई चढ़ावा उस मुसलमान गडरिए के वंशजों को मिलता है। बाबा अमरनाथ के पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक रूप में शिवलिंग का निर्माण होता है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी लोग कहते हैं।यह शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है, बाबा अमरनाथ शिवलिंग के साथ-साथ गणेश जी, पार्वती जी और बाबा भैरव भी हिमानी रूप में दर्शन देते है|
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Baba Amarnath Ki Jai....
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